यशस्वी की मां ने देवी मां से की प्रार्थना- मेरा बेटा विश्वकप जीतकर आए; बोलीं- मैं मैच नहीं देखती दिनभर पूजा करती हूं

यशस्वी की मां ने देवी मां से की प्रार्थना- मेरा बेटा विश्वकप जीतकर आए; बोलीं- मैं मैच नहीं देखती दिनभर पूजा करती हूं


भदोही। अंडर 19 विश्वकप का आज फाइनल है। मैच से पहले टीम के बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के माता-पिता ने देवी मां के मंदिर जाकर पूजा-अर्चना की। यशस्वी की मां कंचन जायसवाल ने कहा- देवी मां से यही प्रार्थना की है कि मेरा बेटा कप जीतकर लाए, मैं उसका मैच नहीं देखती हूं, दिनभर पूजापाठ ही करती हूं। उसके पापा ही मैच देखते हैं। यशस्वी के पिता भूपेंद्र ने कहा- सभी खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करके वर्ल्डकप जीतें, मेरे बेटे का जीत में अहम योगदान हो, यही भगवान से प्रार्थना की है।


भूपेंद्र जायसवाल ने बताया- पूरा शहर आज के मैच को लेकर उत्साहित है। सभी अपने-अपने तरीके से तैयारी कर रहे हैं। कोई स्क्रीन लगा रहा है तो कई बड़ी टीवी सजाकर आम लोगों को भी मैच दिखाने की व्यवस्था कर रहा है। हर कोई चाहता है कि विश्वकप का खिताब एक बार फिर भारत के नाम हो।


शतक लगाकर जीता क्रिकेट प्रेमियों का दिल
दुनियाभर में कालीन नगरी के रूप में मशहूर भदोही जिले के यशस्वी जायसवाल ने ने सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ शतक लगाकर क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया था। यशस्वी ने 113 गेंदों में नाबाद 105 रन बनाए थे। भारत ने यह मैच 10 विकेट से जीता था। आज भारत का फाइनल में मुकाबला बांग्लादेश से होना है।


संघर्ष भरा रहा यशस्वी का सफर
यशस्वी ने 10 साल की उम्र में अपना घर छोड़ दिया था। उनकी सफलता के पीछे पिता भूपेंद्र जायसवाल का विशेष संघर्ष है। पिता एक छोटी सी पेंट की दुकान चलाते हैं। यशस्वी ने मुंबई के आजाद मैदान में कठिन संघर्ष के दिनों में गोलगप्पे भी बेचे। इसी की कमाई से वह मुंबई में अपने रहने खाने और खेलने का प्रबंध करते थे।