श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट; यूपी के 2 आईएएस अधिकारी नामित सदस्य बनाए गए

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट; यूपी के 2 आईएएस अधिकारी नामित सदस्य बनाए गए


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पीएम मोदी द्वारा घोषित किए गए 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट की पहली बैठक आज दिल्ली में दोपहर बाद आयोजित हुुई। इस बैठक में शामिल होने के लिए जहां ट्रस्ट के सभी ट्रस्टी एकत्र हुए थे। इस बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार के दो आईएएस अधिकारी अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज झा को ट्रस्ट में नामित सदस्य बनाया गया है।


दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खास आईएएस अधिकारी अवनीश अवस्थी और अयोध्या के डीएम अनुज कुमार झा को राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट में नामित सदस्य बनाया गया है। ये दोनों अधिकारी बुधवार को दिल्ली में होने वाली राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली गए थे।


राज्य के 'शक्तिशाली' अधिकारियों में शुमार अवनीश अवस्थी फिलहाल योगी सरकार में अपर मुख्य सचिव पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उन्हें योगी के खास अफसरों में गिना जाता है। 1987 बैच के आईएएस अफसर अवनीश अवस्थी के पास यूपी के धर्मार्थ कार्य, पर्यटन, सूचना और गृह विभाग के प्रमुख सचिव पद की भी जिम्मेदारी है।


वहीं अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा को भी शामिल किया गया है। बताया जा रहा है कि झा बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना भी हो गए हैं। अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के वक्त अनुज झा ने जिलाधिकारी रहते हुए व्यवस्थाओं को अच्छे से संभाला था, इसीलिए इन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। बिहार के मधुबनी में जन्मे अनुज की गिनती राज्य के तेजतर्रार आईएएस अधिकारियों में होती है।


पीएम मोदी ने 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' के गठन का ऐलान किया था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच फरवरी को लोकसभा में ट्रस्ट के गठन का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए एक स्वायत्त ट्रस्ट का गठन कर दिया गया है। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार एक स्वायत्त ट्रस्ट 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया है। ये ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पर भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा।