जेल में 5 रातें गुजारने के बाद पदयात्रा पर निकले 10 सत्याग्रही रिहा; जिले से बाहर छोड़ने के लिए पुलिस ने सुरक्षा के घेरे में लिया
गाजीपुर। फरवरी को चौरीचौरा से दिल्ली के राजघाट की पदयात्रा पर निकले 10 सत्याग्रहियों को 11 फरवरी को गाजीपुर पुलिस ने शांति भंग की आशंका में गिरफ्तार कर लिया था। रविवार की शाम जेल में निरुद्ध सभी सत्याग्रहियों को सशर्त जमानत मिल गई। एसडीएम प्रभाष कुमार ने एक-एक लाख के निजी मुचलका भरवाकर जमानत दी है। बिना इजाजत कोई कार्यक्रम करने पर रोक लगाई गई है। कांग्रेस, बसपा, सपा नेताओं ने जेल गेट पर पहुंचकर सभी का फूल मालाओं से स्वागत किया। पुलिस अभिरक्षा में सत्याग्रहियों को लेकर वाराणसी के लिए रवाना हुई है।
महिला पत्रकार प्रदीपिका सारस्वत समेत 10 सत्याग्रहियों ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर चौरीचौरा से पदयात्रा की शुरूआत की है। ये यात्रा दिल्ली के राजघाट पर समाप्त होगी। पदयात्रा करते हुए सत्याग्रही गाजीपुर पहुंचे थे। लेकिन बरही इलाके में 11 फरवरी को शांति भंग की आशंका में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। सत्याग्रहियों के समर्थन में तमाम समाजसेवियों ने गाजीपुर में प्रदर्शन भी किया था। सभी को रविवार की शाम जेल से रहा किया गया। जेल से बाहर आते ही लोगों ने नारेबाजी की।
पदयात्रा में ये शामिल
भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रवक्ता रविंद्र कुमार रवि, आगरा की महिला पत्रकार प्रदीपिका सारस्वत, मध्य प्रदेश के कार्यकर्ता मनीष शर्मा, इलाहाबाद विश्वविदयालय के छात्र शेष नरायन ओझा, दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र नेता अतुल यादव, बीएचयू के छात्र प्रियेश पांडेय, आजमगढ़ के नीरज राय, रायबरेली के अनन्त शुक्ला, पटना के राज अभिषेक, मुजफ्फरपुर के मुरारी कुमार पदयात्रा में शामिल हैं।
मैं शुक्रगुजार, मुझे जेल के जीवन को समझने का मौका दिया
प्रदीपिका सारस्वत ने कहा- मैं राज्य सरकार का शुक्रगुजार हूं। मुझे जेल में रहने का मौका दिया। यहां के जीवन को महसूस करने का मौका दिया। जेल में कैदियों को जो मूलभूत सुविधाएं मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल रही हैं। यहां तमाम महिलाएं बंद हैं, जो निरअपराध हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि, मैं अपना काम कर रही थी और मुझे मेरी ड्यूटी के दौरान पकड़ा गया है। बाकी सभी सत्याग्रहियों के इसलिए पकड़ा गया कि वो गांधी की तरह काम कर रहे थे। हम लोग किसी भी धारा का उलंघन नहीं किया। माना कि हम लोग 10 लोग थे लेकिन सभी लोग अलग अलग ग्रुप में चल रहे थे और अपना काम कर रहे थे।