जय श्रीराम' पर सपा विधायकों का विधानसभा में हंगामा, कहा- अखिलेश यादव की जान को भाजपा से खतरा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में शनिवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने युवक द्वारा जय श्रीराम का उद्घोष करने का मामला तूल पकड़ने लगा है। सोमवार को सपा विधायकों ने विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में हंगामा करना शुरू कर दिया। आज राज्यपाल आनंदीबेन के अभिभाषण पर चर्चा और तांकित प्रश्नों पर मंत्रियों को जवाब देना था। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा- इस मुद्दे पर प्रश्नकाल के बाद बात होगी। लेकिन, विधायक अखिलेश यादव की जान को भाजपा सरकार से खतरा बताते हुए हंगामा करते रहे। इस पर सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
सीएम अपने दोनों सलाहकारों को बर्खास्त करें
सपा विधायकों ने वेल में आकर हंगामा किया। आरोप लगाया कि पुलिस से सपा कार्यालयों की जांच कराई जा रही है। अखिलेश यादव की सुरक्षा हटा ली गई। जबकि, उनकी जान को खतरा है। सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कराए। अखिलेश को धमकी देने वालों को मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार समर्थन दे रहे हैं। सीएम दोनों सलाहकारों को बर्खास्त करें। भाजपा सरकार अखिलेश को मरवाना चाहती है।
दमन और चरित्र हनन की नीति पर भाजपा सरकार
सपा विधायक अहमद हसन ने कहा- जब से प्रदेश में भाजपा आई है, तब से जंगलराज कायम हो गया। अराजकता का माहौल चारो तरफ व्याप्त है। भाजपा दमन और चरित्र के हनन की नीति पर चल रही है, उससे लोकतंत्र को खतरा है। 15 फरवरी को अखिलेश यादव कन्नौज गए थे। सपा के दफ्तर में मीटिंग की गई। वहां भाजपा के एक आदमी ने उसे डिसटर्ब किया। जिस तरह से सोशल मीडिया का इस्तेमाल अखिलेश यादव के खिलाफ चरित्र हनन किया जा रहा है। उससे लगता है कि, भाजपा बौखलाहट में है। वह किसी हद तक जाकर अपने विरोधियों का चरित्र हनन कर सकती है। इनका प्रजातंत्र में विश्वास नहीं है। सरकार, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का दुरुपयोग कर रहे हैं।
ये है बजट सत्र का प्रारूप
उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र बीते 13 फरवरी को शुरू हुआ है। सदन सात मार्च तक चलेगा। 18 फरवरी को योगी सरकार सदन में 2020-21 के लिए बजट पेश करेगी। इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर फिर से चर्चा शुरू की जाएगी। 20 फरवरी से बजट पर चर्चा शुरू होगी। इसके बाद तीन दिन 21 से 23 फरवरी तक सदन की बैठक स्थगित रहेगी। सदन के आखिरी दिन यानी 7 मार्च को बजट अनुदानों की मांगों पर विचार एवं मतदान होगा। इसके बाद विनियोग विधेयक 2020 का सदन की अनुज्ञा से पुन:स्थापन, उस पर विचार व उसका पारण होगा।