देशद्रोह के आरोपी शर्जील इमाम के पक्ष में एएमयू में हुई नारेबाजी, प्रशासन ने साधी चुप्पी

देशद्रोह के आरोपी शर्जील इमाम के पक्ष में एएमयू में हुई नारेबाजी, प्रशासन ने साधी चुप्पी


अलीगढ़। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध कर रहे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के स्टूडेंट्स ने देशद्रोह के आरोपी जेएनयू छात्र शर्जील इमाम के समर्थन में नारे लगाए। इस दौरान 'शर्जील इमाम को चाहिए आजादी' और शर्जील इमाम को रिहा करो' के नारे लगाए गए। एएमयू में सीएए के विरोध में दो महीने से धरना-प्रदर्शन चल रहा है। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पूरे मामले प चुप्पी साध रखी है।


एएमयू में गुरुवार को सीएए के विरोध में लाइब्रेरी कैंटीन से बाबा सैयद गेट तक मार्च निकाला था। वहीं सीएए के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में पिछले 2 महीने से धरना प्रदर्शन चल रहा है।शर्जील इमाम के समर्थन में नारेबाजी को लेकर एएमयू प्रशासन ने फिलहाल चुप्पी साध ली है।


एएमयू की कला संकालय की छात्रा सारा ने कहा कि हमने प्रदर्शन इसलिए निकाला है कि पुलिस कार्यवाही से आवाज चुप नहीं दबने वाली। शर्जील ने जो बयान दिया था उसे पूरा सुनना चाहिए। उसने कुछ नहीं गलत बोला था। सरकार को एक कानून बनाना चाहिए और जिन लोगों के खिलाफ चार्ज लगाया गया है उसे वापस लिया जाए। जब क सीएए वापस नहीं होगा हम प्रदर्शन करते रहेंगे।


शर्जिल इमाम पर लगा है देशद्रोह का आरोप
शर्जील इमाम पर असम को देश से अलग करने के विवादित बयान के चलते देशद्रोह का आरोप है। शर्जील को 28 जनवरी को बिहार के जहानाबाद से गिरफतार किया गया था। उसे अगले दिन ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया था। उसपर जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनवर्सिटी और अलीगढ़ में में भड़काऊ बयान देने के आरोप हैं।


शर्जील को पहले पुलिस कस्टडी में भेजा गया था और फिर 6 फरवरी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। शर्जील पर आईपीसी की धारा 124ए के तहत केस दर्ज है जिसमें दोषी साबित होने पर तीन वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।