7 के खिलाफ पुलिस पेश नहीं कर सकी सबूत, कोर्ट ने 13 आरोपियों को 21 लाख जमा करने के लिए 30 दिन का समय दिया
लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बीते साल 19 दिसंबर को हुई हिंसा के मामले में गुरुवार को अपर जिलाधिकारी ट्रांसगोमती विश्वभूषण मिश्र की कोर्ट ने सुनवाई। जिसके बाद 13 लोगों पर आरोप तय हुए हैं, जिसमें 21 लाख 76 हजार रुपए की रिकवरी के आदेश जारी हुए हैं। इस दौरान पुलिस सात आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं कर सकी। जिन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया। कोर्ट ने रिकवरी के लिए 30 दिन का समय दिया है।
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बीते 19 दिसंबर को लखनऊ के चार थाना क्षेत्र हजरतगंज, कैसरबाग, ठाकुरगंज व हसनगंज में हिंसा हुई थी। प्रदर्शनकारियों ने मदेयगंज और सतखंडा चौकी में आग लगा दी थी, जबकि 35 वाहनों को फूंक दिया था। जिला प्रशासन ने अपर जिलाधिकारी विश्वभूषण मिश्र के नेतृत्व में टीम बनाकर सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान का मूल्यांकन कराया था। प्रशासन ने करीब पांच करोड़ के संपत्ति का नुकसान का आकलन किया था।
हिंसा के मामले में पुलिस ने 20 आरोपियों को नामजद किया था। जिसमें 13 लोगों को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। पुलिस सात लोगों के खिलाफ कोई सबूत नहीं पेश कर सकी, जिस पर कोर्ट ने उन्हें आरोपमुक्त कर दिया। कोर्ट ने 16 मार्च तक रिकवरी की धनराशि जमा करने का आदेश दिया है।